CUET के कारण बोर्ड परीक्षा का महत्व कम होगा ?
CUET को 86 केंद्रीय विश्वविद्यालयों, राज्य विश्वविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों और निजी विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। इसके चलते 12वीं बोर्ड परीक्षा के महत्व पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जब छात्रों को कॉलेजों/विश्वविद्यालयों में प्रवेश केवल CUET में प्रदर्शन के आधार पर मिलेगा, तो क्या 85 – 90% से अधिक अंक प्राप्त करने के लिए बोर्ड परीक्षाओं में मेहनत करना आवश्यक होगा ?
CUET क्या है ?
CUET ( कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट ) एक अखिल भारतीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है, जिसे NTA द्वारा स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित किया जाता है। CUET 2025 के स्कोर को 86 केंद्रीय, राज्य, डीम्ड और निजी विश्वविद्यालय स्वीकार करेंगे। यह परीक्षा साल में एक बार भारत और विदेशों के 500 से अधिक शहरों में कंप्यूटर आधारित मोड में आयोजित होती है। इसमें भाषा परीक्षा, दो विषय-विशिष्ट परीक्षाएं और एक सामान्य परीक्षा शामिल होती है।
CUET का बोर्ड परीक्षाओं पर प्रभाव :
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( UGC ) के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बोर्ड परीक्षा अभी भी पात्रता मानदंड के रूप में उपयोग की जाएगी। कुछ विश्वविद्यालय न्यूनतम 60% की आवश्यकता रख सकते हैं, तो कुछ 70% तक सेट कर सकते हैं। इससे बोर्ड परीक्षाओं की प्रासंगिकता खत्म होने का सवाल ही नहीं उठता। हालांकि, 100% अंक प्राप्त करने पर जोर कम होगा।
बोर्ड परीक्षाओं की प्रासंगिकता पर विचार :
सरवोदय विद्यालय, आईएनए दिल्ली के उप प्रधानाचार्य हरीश चंद ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं का महत्व CUET के कारण कम नहीं होगा। इसका कारण यह है कि माता-पिता और समाज की ओर से छात्रों पर बोर्ड परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव होता है।
इसके अलावा, CBSE 12वीं और C.U.E.T का सिलेबस लगभग समान है। 12वीं बोर्ड की पढ़ाई करते हुए छात्र C.U.E.T के लिए भी तैयारी कर लेंगे। हमारे स्कूल में हम छात्रों को C.U.E.T परीक्षा के पैटर्न, सिलेबस, और लॉजिकल रीजनिंग के प्रश्नों के बारे में मार्गदर्शन दे रहे हैं।
CUET के चलते बोर्ड परीक्षा का महत्व कम हो सकता है:
दिल्ली के एक निजी स्कूल की विज्ञान शिक्षिका, रमिंदर कौर ने कहा कि C.U.E.T के कारण बोर्ड परीक्षाओं में प्रदर्शन पर असर पड़ेगा। छात्रों को अब केवल 50 – 60% अंक लाने की आवश्यकता होगी ताकि वे C.U.E.T परीक्षा में बैठ सकें।
छात्रों के दृष्टिकोण से :
ग्रीन फील्ड्स स्कूल, नई दिल्ली के 12वीं के छात्र तरन ने कहा, “C.U.E.T के कारण बोर्ड परीक्षाओं को उतना महत्व नहीं दिया जाएगा जितना पहले दिया जाता था।”
शिक्षा पर दीर्घकालिक प्रभाव :
नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल्स कॉन्फ्रेंस ( NPSC ) की चेयरपर्सन सुधा आचार्य ने कहा कि C.U.E.T स्कूल स्तर की शिक्षा की गुणवत्ता को कमजोर कर सकता है।
CUET 2025 परीक्षा :
NTA जल्द ही C.U.E.T 2025 की तारीख घोषित करेगा। यह परीक्षा मई / जून 2025 में कंप्यूटर आधारित टेस्ट मोड में आयोजित होगी। लगभग 13.48 लाख छात्र इसमें भाग लेंगे। आवेदन शुरू होने पर छात्र 37 विषयों में से अधिकतम 5 विषय चुन सकते हैं।
♦ C.U.E.T भारतीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया को बदलने के साथ-साथ छात्रों के लिए नई चुनौतियां और अवसर भी लेकर आया है।
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