( Literacy Rate )साक्षरता दर क्या होता है।
साक्षरता दर का अर्थ है, किसी विशेष क्षेत्र (जैसे एक देश, राज्य या शहर) में एक निश्चित आयु वर्ग की जनसंख्या का वह प्रतिशत, जो पढ़ने, लिखने में सक्षम है। भारत में, साक्षरता दर को आमतौर पर 7 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए मापा जाता है।
सरल शब्दों में, इसे ऐसे समझ जा सकता है, साक्षरता दर यह दर्शाती है कि उस क्षेत्र में कितने प्रतिशत लोग शिक्षा के प्राथमिक स्तर ( primary level ) को प्राप्त कर चुके हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी राज्य की साक्षरता दर 80% है, तो इसका मतलब है कि वहाँ 7 वर्ष या उससे अधिक आयु के 80% लोग पढ़ना-लिखना जानते हैं।
भारत में साक्षरता दर का महत्व बहुत अधिक है क्योंकि यह शिक्षा, रोजगार, और समग्र आर्थिक विकास से सीधे जुड़ा हुआ है। उच्च साक्षरता दर वाले क्षेत्रों में आमतौर पर अधिक आर्थिक विकास, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ और जीवन स्तर की ऊँचाई देखने को मिलती है।
भारत में 2025 के अनुसार राज्यों के हिसाब से साक्षरता दर : Literacy rate in India
भारत ने पिछले दशकों में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। 2025 तक, देश के विभिन्न राज्यों में साक्षरता दर में महत्वपूर्ण वृद्धि देखने को मिल सकती है। इस लेख में, हम प्रमुख राज्यों की साक्षरता दर पर एक नज़र डालेंगे। साथ ही देश के किस राज्य मे कितना साक्षरता दर है, ये आज के इस लेख मे आपको बतएगे ।
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महाराष्ट्र: महाराष्ट्र ने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। मुंबई, पुणे और नागपुर जैसे शहरों में उच्च साक्षरता दर बनी हुई है, जो लगभग 90% के आसपास है।
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तमिलनाडु: तमिलनाडु में भी साक्षरता दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो अब लगभग 88% तक पहुँच गई है। चेन्नई और कोच्चि जैसे शहरों में शिक्षा सुविधाओं में सुधार से यह संभव हो पाया है।
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उत्तर प्रदेश: भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य, उत्तर प्रदेश में साक्षरता दर में सुधार हुआ है। अब यह दर लगभग 75% के आसपास है, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान रूप से फैली है।
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बिहार: बिहार में भी साक्षरता दर में वृद्धि देखी गई है, जो अब लगभग 70% तक पहुँच गई है। सरकार द्वारा चलाए जा रहे शिक्षा अभियानों ने इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल में साक्षरता दर लगभग 85% है। कोलकाता शहर में शिक्षा के उच्च स्तर ने राज्य में समग्र साक्षरता दर को बढ़ावा दिया है।
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गुजरात: गुजरात में साक्षरता दर लगभग 82% है। अहमदाबाद और सूरत जैसे शहरों में शिक्षा पर जोर देने से यह दर उच्च बनी है।
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राजस्थान: राजस्थान में साक्षरता दर में सुधार हुआ है, जो अब लगभग 73% तक पहुँच गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा सुविधाओं के विस्तार ने इस वृद्धि में योगदान दिया है।
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केरल: केरल भारत में सबसे उच्च साक्षरता दर वाला राज्य है, जो 95% से भी अधिक है। यहां शिक्षा प्रणाली का मजबूत ढांचा इसे संभव बनाता है।
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हरयाणा : हरियाणा में साक्षरता दर लगभग 80% है। गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे शहरों में शिक्षा के स्तर ने इसे बढ़ाने में मदद की है।
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मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश में साक्षरता दर में सुधार हुआ है, जो अब लगभग 72% तक पहुँच गई है। सरकारी और निजी संस्थानों द्वारा शिक्षा पर ध्यान देने से यह संभव हो पाया है।
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Literacy rate in India : list of States & Union Territories with literacy rates
State/UT | Male Literacy Rate (%) | Female Literacy Rate (%) | Average Literacy Rate (%) |
---|---|---|---|
A&N Islands | 90.11 | 81.84 | 86.27 |
A&N Islands | 90.11 | 81.84 | 86.27 |
Arunachal Pradesh | 73.69 | 59.57 | 66.95 |
Andhra Pradesh | 73.4 | 59.5 | 66.4 |
Bihar | 79.7 | 60.5 | 70.9 |
Assam | 90.18 | 81.2 | 85.9 |
Chhattisgarh | 85.4 | 68.7 | 77.3 |
Chandigarh | 90.54 | 81.38 | 86.43 |
Dadra and Nagar Haveli | 86.4 | 65.93 | 77.65 |
Daman & Diu | 91.48 | 79.59 | 87.07 |
Delhi | 93.7 | 82.4 | 88.7 |
Goa | 92.8 | 81.84 | 87.4 |
Gujarat | 89.5 | 74.8 | 82.4 |
Haryana | 88 | 71.3 | 80.4 |
Himachal Pradesh | 92.9 | 80.5 | 86.6 |
Jammu & Kashmir | 85.7 | 68 | 77.3 |
Jharkhand | 83 | 64.7 | 74.3 |
Karnataka | 83.4 | 70.5 | 77.2 |
Kerala | 97.4 | 95.2 | 96.2 |
Lakshadweep | 96.1 | 88.25 | 92.28 |
Madhya Pradesh | 81.2 | 65.5 | 73.7 |
Maharashtra | 90.7 | 78.4 | 84.8 |
Manipur | 86.4 | 73.1 | 79.85 |
Meghalaya | 77.1 | 73.78 | 75.48 |
Mizoram | 93.72 | 89.4 | 91.58 |
Nagaland | 83.2 | 76.6 | 80.11 |
Odisha | 84 | 70.3 | 77.3 |
Puducherry | 92.1 | 81.2 | 86.55 |
Punjab | 88.5 | 78.5 | 83.7 |
Rajasthan | 80.8 | 57.6 | 69.7 |
Sikkim | 87.2 | 76.43 | 82.2 |
Tamil Nadu | 87.9 | 77.9 | 82.9 |
Telangana | 80.5 | 65.1 | 72.8 |
Tripura | 92.18 | 83.15 | 87.75 |
West Bengal | 84.8 | 76.1 | 80.5 |
Uttarakhand | 94.3 | 80.7 | 87.6 |
Uttar Pradesh | 81.8 | 63.4 | 73.0 |
Literacy Rate in India : 2024 मे अनुमानित साक्षरता दर
भारत में साक्षरता दर 2024 में लगभग 80% तक पहुँचने का अनुमान है।
यहाँ 2024 के अनुसार राज्यों की साक्षरता दर की सूची दी गई है:
राज्य | साक्षरता दर (%) |
---|---|
केरल | 96.2 |
मिजोरम | 91.6 |
दिल्ली | 88.7 |
त्रिपुरा | 87.8 |
उत्तराखंड | 87.6 |
गोवा | 87.4 |
हिमाचल प्रदेश | 86.6 |
असम | 85.9 |
महाराष्ट्र | 84.8 |
पंजाब | 83.7 |
Literacy Rate in India : निम्न साक्षरता दर वाले राज्य (Low Literacy Rates of state )
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आंध्र प्रदेश 66.4% राजस्थान 69.7% बिहार 70.9% तेलंगाना 72.8% उत्तर प्रदेश 73.0%
Literacy Rate in India Data Based On National Statistical Office (NSO)
Rank | State | Male Literacy Rate (%) | Female Literacy Rate (%) | Average Literacy Rate (%) |
---|---|---|---|---|
1 | Kerala | 97.4 | 95.2 | 96.2 |
2 | Mizoram | 93.72 | 89.4 | 91.58 |
3 | Delhi | 93.7 | 82.4 | 88.7 |
4 | Tripura | 92.18 | 83.15 | 87.75 |
5 | Uttarakhand | 94.3 | 80.7 | 87.6 |
6 | Goa | 92.81 | 81.84 | 87.4 |
7 | Himachal Pradesh | 92.9 | 80.5 | 86.6 |
8 | Assam | 90.1 | 81.2 | 85.9 |
9 | Maharashtra | 90.7 | 78.4 | 84.8 |
10 | Punjab | 88.5 | 78.5 | 83.7 |
साक्षरता दर ( literacy Rate ) भारत मे कब-कब साक्षरता दर की जनगणना हुई है ।
भारत में साक्षरता दर को समय-समय पर प्रकाशित और आंका गया है, विशेष रूप से हर दस साल में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय जनगणनाओं के दौरान। पहली बार व्यवस्थित रूप से साक्षरता सांख्यिकी जनगणना 1881 में संग्रहित की गई थी, जिसमें लगभग 5.3% साक्षरता दर दर्ज की गई थी।
- जनगणना 1951: 18.33%
- जनगणना 1961: 28.30%
- जनगणना 1971: 34.45%
- जनगणना 1981: 43.57%
- जनगणना 1991: 52.21%
- जनगणना 2001: 64.84%
- जनगणना 2011: 74.04%
2021 और इसके बाद की साक्षरता जनगणना को COVID-19 महामारी के कारण जनगणना स्थगित कर दी गई थी ।
चुनौतियाँ और आगे की दिशा:
हालांकि भारत ने साक्षरता दर में महत्वपूर्ण प्रगति की है, फिर भी कुछ राज्यों में अभी भी चुनौतियाँ मौजूद हैं। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता और पहुँच सुनिश्चित करना अभी भी एक बड़ा मुद्दा है। महिला साक्षरता को बढ़ावा देना और तकनीकी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना भविष्य में साक्षरता दर को और भी बेहतर बनाने में सहायक होगा।
सरकार द्वारा जारी किए जा रहे विभिन्न शिक्षा मिशन और योजनाएँ जैसे ‘सक्शन अभियान’, ‘विद्या भारती’, और ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ ने साक्षरता दर में वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आने वाले वर्षों में, इन पहलों को और भी व्यापक रूप से लागू करने से भारत को 2025 और उसके बाद की साक्षरता दर में और अधिक सुधार देखने को मिलेगा।
निष्कर्ष:
भारत ने 2025 तक साक्षरता दर में उल्लेखनीय प्रगति की है, जो राज्यों के बीच विविधता को दर्शाती है। शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर निवेश और नीतिगत सुधारों के माध्यम से, भारत भविष्य में एक साक्षर और शिक्षित समाज की ओर अग्रसर हो रहा है।